उनके देखे से ...

Wednesday, May 14, 2008

उनके देखे से जो आ जाती है मुह पे रौनक
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है...

देखिये पाते हैं उश्शाक बुतों से क्या फैज़
इक ब्राहमण ने कहा है कि ये साल अच्छा है ...

हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन
दिल को खुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है...


- ग़ालिब

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